A Secret Weapon For how to do vashikaran-kaise hota hai



शोभना यक्षिणी : भोग और कामना पूर्ति करने वाली.

जिस उदेश्य के लिए आप यक्षिणी का आवाहन कर रहे है, उन्हें उसी रूप में ध्यान करे.

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लेकिन अगर आप वेब या किताब से ज्ञान हासिल कर के साधना कर रहे तो सफलता ना के बराबर मिलती है.

हम अपने ब्लॉग पर पब्लिश की गई किसी भी साधना का पुख्ता प्रमाण नहीं दे सकते है क्यों की हमने ये साधनाए नहीं की.

Spiritual Advancement; Vashikaran techniques are also used as a method of sacred progression, helping practitioners achieve large states of knowingest and self realization.

असल में, पांच हजार साल पहले, अर्जुन ने भी कृष्ण से यही सवाल पूछा था‘आपका यह कहना है कि हर चीज एक ही ऊर्जा से बनी है और हरेक चीज दैवी है, अगर वही देवत्व दुर्योधन में भी है, तो वह ऐसे काम क्यों कर रहा है?’ कृष्ण हंसे क्योंकि इतना उपदेश देने के बाद भी अर्जुन इस साधारण, बुनियादी और बचकाने सवाल पर अटका था। कृष्ण ने जवाब दिया, ‘ईश्वर निर्गुण है, दिव्यता निर्गुण है। उसका अपना कोई गुण नहीं है।’ इसका अर्थ है कि वह बस विशुद्ध ऊर्जा है। आप उससे कुछ भी बना सकते हैं। जो बाघ आपको खाने आता है, उसमें भी वही ऊर्जा है और कोई देवता, जो आकर आपको बचा सकता है, उसमें भी वही ऊर्जा है। बस वे अलग-अलग तरीकों से काम कर रहे हैं। जब आप अपनी कार चलाते हैं, तो क्या वह अच्छी या बुरी होती है?

एकाग्रचित से यक्षिणी का ध्यान करना : वैसे तो यक्षिणी की कोई मूरत नहीं लेकिन कल्पनाओ द्वारा इन्हें रूप दिया गया है.

अनुरागिणी यक्षिणी : स्वर्ण मुद्रा से इच्छापूर्ति करने वाली.

सही मार्गदर्शन में साधना करने से सफलता अवश्य मिलती है.

Astrologers and prophets typically have a lot of data concerning the Vashikaran Totke, which they can use to control the brain of someone.

A lot of here concerns may occur inside your intellect when you want to get rapidly and accurate effects with the assistance of Vashikaran. Having said that, it would aid when you remembered that only with reputable methods could you chant the ideal mantra and possess powerful outcomes.

बगलामुखी पूजा का उचित उद्देश्य आत्म-विकास और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करना है. इसका उपयोग शक्ति प्राप्त करने या दूसरों को नियंत्रित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

यक्ष और यक्षिणी धरती के सबसे पास के लोक में अन्य शक्तियों जैसे गन्धर्व, देव, नाग जैसी दिव्य शक्तियों वाले प्राणी होते है.

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